भारत, 3 जुलाई 2025 .Apple के प्रमुख कंत्रैक्ट निर्माता Foxconn ने दक्षिण भारत (तमिलनाडु और कर्नाटक) स्थित अपने iPhone संयंत्रों से 300 से अधिक चीनी इंजीनियर्स और तकनीशियनों को वापस बुला लिया है। यह कार्रवाई लगभग दो महीने पहले शुरू हुई थी, कंपनी अभी केवल ताइवान के सॉफ्टवेयर और तकनीकी स्टाफ पर निर्भर है ।
क्यों यह कदम उठाया गया?
- चीन की सख्त नीतियाँ – हेवी वेट टेक एक्सपोर्ट और तकनीकी प्रतिभा के बहिर्वाह को नियंत्रित करने की दिशा में चीन ने मौखिक रूप से निर्देश जारी किए हैं, ताकि “China‑plus‑one” रणनीति को रोका जा सके ।
- भू-राजनीतिक तनाव – अमेरिका, चीन और भारत के बीच चल रहे तनाव व वीज़ा कड़े होने जैसे आंदोलनों का भी अहम योगदान बताया जा रहा है ।
सीधे परिणाम
- उत्पादन गुणवत्ता को खतरा नहीं:
विशेषज्ञों का मानना है कि iPhone की गुणवत्ता अप्रभावित रहेगी, क्योंकि अनुमित गुणवत्ता नियंत्रण और निर्माण प्रोटोकॉल चाइनीज़ स्टाफ के बिना भी बरकरार रहेंगे । - दक्षता और समय पर असर:
हालांकि, असेंबली लाइन की दक्षता में कमी आने की संभावना है—कारण: भारतीय कारीगरों में नई तकनीकी दक्षता का ट्रान्सफर धीरे होगा, जिससे उत्पादन क्षमता प्रभावित हो सकती है । - प्रशिक्षण और तकनीकी ज्ञान हस्तांतरण धीमा:
चीनी इंजीनियर्स अधिकांश रूप से प्रशिक्षण और प्रक्रिया मानकीकरण में शामिल रहे हैं। उन्हीं के बिना इस प्रक्रिया को भारतीय कर्मचारियों में दोबारा स्थापित करने में समय और लागत अधिक होगी ।
क्या सरकार कर रही है?
- MeitY की प्रतिक्रिया:
इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने इस कदम को केवल “शॉर्ट-टर्म डिस्टर्बेंस” (लगभग 1 महीना) बताया है। रिपोर्टों के अनुसार Foxconn जल्द ही 500–1,000 भारतीय इंजीनियर्स को भर्ती करेगा, जिससे यह अंतर कम किया जा सकेगा - स्थानांतरण प्रयास:
ताइवानी व वियतनामी विशेषज्ञ जल्द ही भारत आ रहे हैं, ताकि तकनीकी ज्ञान का अंतरिकल स्थान भर सके और ट्रेंनिंग प्रक्रियाएं सुचारु रहें
वैश्विक रणनीति पर असर
- Apple की सप्लाई चेन विविधीकरण:
Foxconn भारत में iPhone उत्पादन को बढ़ाने की योजना बना रहा था, जिसमें 2026 तक U.S.-bound iPhones का बड़ा हिस्सा भारत से बनेगा। इस कदम से इस रणनीति में कुछ देरी संभव है - Foxconn की भारत में निवेश योजना:
कंपनी नई फैक्ट्री (Oragadam, Devanahalli) स्थापित कर रही है। इन देशों में विशेषज्ञ स्टाफ के स्थानांतरण को तेज़ करन समझा जा रहा है, ताकि केंद्रों के बीच संतुलन बना रहे।
निष्कर्ष
यह वाकया दर्शाता है कि वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला केवल वाणिज्यिक नहीं बल्कि राजनीतिक हस्तक्षेपों से भी प्रभावित होती है।
Apple और Foxconn की भारत में योजना अभी बरकरार है—लेकिन इसके सफल क्रियान्वयन के लिए प्रशिक्षण, विशेषज्ञता और मशीनरी ट्रांसफर को सामरिक रूप से सुदृढ़ करना जरूरी होगा।