जगदलपुर।राज्य के उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने बीजापुर जिले के सबसे सुदूरवर्ती क्षेत्र स्थित पुनर्वास केन्द्र में आत्मसमर्पित नक्सलियों से सीधा संवाद करते हुए उन्हें शासन की समस्त योजनाओं का समुचित लाभ दिलाने की बात कही। उन्होंने कहा कि जो लोग हिंसा का मार्ग छोड़कर लोकतंत्र की राह पर लौटे हैं, उन्हें हरसंभव सहायता और सम्मान मिलना चाहिए।
कौशल विकास से आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ते कदम
पुनर्वास केन्द्र में निवासरत आत्मसमर्पित नक्सली वर्तमान में विभिन्न कौशल विकास प्रशिक्षणों से जुड़े हुए हैं—जिनमें मेशन कार्य, ट्रैक्टर ऑपरेशन और जेसीबी ऑपरेटर प्रशिक्षण शामिल हैं। बीते तीन महीनों से चल रहे इन प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से उन्हें रोजगार योग्य बनाया जा रहा है, जिससे वे समाज की मुख्यधारा में सम्मानपूर्वक जीवन जी सकें।
उपमुख्यमंत्री के आगमन पर केंद्र में मौजूद आत्मसमर्पित नक्सलियों ने “भारत माता की जय” के उद्घोष के साथ उनका स्वागत किया। संवाद के दौरान उन्होंने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा:
“हम पहले भटके हुए रास्ते पर थे। अब शासन की पुनर्वास नीति के माध्यम से जीवन की दिशा बदली है। लोकतंत्र, संविधान और समाज की असली शक्ति को हमने अब समझा है।”
प्रशासनिक योजनाओं का ऑन-स्पॉट क्रियान्वयन
विजय शर्मा ने जिला प्रशासन को निर्देशित करते हुए कहा कि केंद्र में निवासरत सभी आत्मसमर्पित युवाओं के आधार कार्ड, राशन कार्ड, आयुष्मान कार्ड और बैंक खाता जैसे जरूरी दस्तावेजों को पुनर्वास केन्द्र में ही बनवाया जाए ताकि उन्हें केंद्र व राज्य शासन की हर योजना का लाभ त्वरित रूप से मिले।
इसके साथ ही उन्होंने निर्देश दिए कि—
- साक्षरता गतिविधियों को दिनचर्या में शामिल किया जाए
- खेल, मनोरंजन और देशभक्ति से जुड़ी फिल्मों का नियमित आयोजन हो
- एक्सपोजर विजिट के माध्यम से इन युवाओं को रायपुर, जगदलपुर जैसे शहरों का भ्रमण कराया जाए
रोजगार और आत्मसम्मान की दिशा में ठोस पहल
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि पुनर्वास केवल रहने और खाने की सुविधा नहीं है, बल्कि यह आत्मसम्मान से जुड़ी प्रक्रिया है। इसलिए जरूरी है कि आत्मसमर्पित युवाओं को नियमित आय के स्रोत से जोड़ा जाए। उन्होंने कलेक्टर और जिला पंचायत सीईओ को निर्देशित किया कि ऐसे युवाओं के लिए व्यावसायिक प्रशिक्षण, लघु उद्योग और स्वरोजगार योजनाओं को प्राथमिकता दी जाए।
निष्कर्ष: हिंसा नहीं, विकास है नया रास्ता
बीजापुर में चल रही यह पहल स्पष्ट करती है कि राज्य सरकार नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में केवल सुरक्षा नहीं, बल्कि संवेदना और पुनर्वास की रणनीति पर विश्वास करती है। उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा का यह दौरा एक सशक्त संदेश है कि जो युवा हथियार छोड़कर कलम और कुदाल उठाना चाहते हैं, उन्हें शासन हर कदम पर साथ देगा।